आई-सी-यू - भाग 5

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अपने पति की बात सुनकर नीलिमा ने कहा, “सौरभ ये क्या कह रहे हो, आप शांत हो जाओ।” “नहीं नीलिमा, मैं तुम्हारा तिरस्कार होता देख नहीं सकता। सच पूछो तो यह तिरस्कार हमारा नहीं है, यह तिरस्कार है उस बुढ़ापे का जो हर इंसान को एक ना एक दिन अपने शिकंजे में ले ही लेता है परंतु पता नहीं फिर क्यों लोग …?” बीच में ही सौरभ को टोकते हुए नीलिमा ने कहा, “तुम शांत हो जाओ सौरभ, ऐसा नहीं है कि हमारे बच्चे हमें प्यार नहीं करते। परिस्थितियों और हालातों ने उन्हें मजबूर कर दिया है। तुम बच्चों को