मंटो एक वो नाम है,जो कि किसी परिचय या तआरुफ का मोहताज नहीं है, वें एक बेबाक कहानीकार थे, जिनकी कहानियों ने समाज को समय-समय पर आईना दिखाया,इश्क से लेकर देश के बंँटवारे तक मंटो ने अपनी कलम का जादू चलाया, यह विडंबना है कि ज़िंदगी भर अपने लिखे हुए अफसानों के लिए कोर्ट के चक्कर लगाने वाले, मुफ़लिसी में जीने वाले और समाज की नफ़रत झेलने वाले मंटो को आज जाकर पहचान मिली है,जब वें इस दुनिया में नहीं हैं,उन्होंने शोहरत की तरह ही बदनामी कमाई थी और यही उनकी रचनात्मक विलक्षणता की वास्तविक कमाई थी,उन्होंने इंसानी मनोविज्ञान का