मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 33

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भाग 33माना कि जिस तरह एक बच्चे की परवरिश में लाड- प्यार के साथ-साथ थोड़ी सख्ती की भी जरुरत होती है उसी तरह परिवार को चलाने में भी इन दोनों ही चीजों की जरुरत होती है। मगर अफसोस सिर्फ इस बात का है, यहाँ भी औरत एक कठपुतली की तरह ही रही है। जो औरत खुद को कुर्बान करने से इन्कार कर दे या खुद से महोब्बत करने की सोच ले उसे फौरन औरत जाति से बाहर धकेल दिया जाता है।आज फिज़ा के मुकदमें की, शहर की निचली अदालत में पहली सुनवाई थी। मुमताज खान, शबीना और फिज़ा वक्त से