नस्लीय हिंसा से जलते फ़्रांस को देखकर सहसा ही अपने देश के एक वरिष्ठ नेता याद आ गए जो अभी हाल ही में भारत में तथाकथित नस्लीय भेदभाव के विरुद्ध पश्चिमी देशों को एकजुट होकर हस्तक्षेप करने का आवाहन कर रहे थे| शायद कुछ लोगों को सिर्फ अपने देश में समस्याएं दिखती हैं और दूसरे देशों खासतौर पर पश्चिमी देशों में मौजूद समान समस्याओं पर आँख मूँद लेते हैं| हालाँकि पश्चिमी देशों का सैकड़ों वर्षों का इतिहास दास प्रथा से भरा पड़ा है, जहाँ अफ़्रीकी मूल के लोगों को नारकीय जीवन जीने को अभिशप्त किया गया था, किन्तु उसे श्वेत