भगवद गीता में श्री कृष्ण ने कहा है की, ‘कर्मों का फल हमे उसी तरह ढून्ढ लेता है जिस तरह एक बछड़ा हज़ारों गायों के बीच अपनी माँ को ढूंढ लेता है।‘ कर्म फल इंसान को भोगना ही पड़ता है। हमारे किये गए कर्म हमे ढूंढ ही लेते हैं, फिर चाहे वो कर्म अच्छे हो या बुरे। लेकिन हम लोग इस बात को ज्यादा seriously नहीं लेते और हमे लगता है की कर्म फल जैसा कुछ नहीं होता।हम अक्सर उन लोगों को बारे में बातें करते हैं जो दूसरों के साथ बुरा करते हैं लेकिन फिर भी कोई उनका कुछ