अपना आकाश - 15 - घर स्नेह से चलता है

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अनुच्छेद- 15 घर स्नेह से चलता हैअंजलीधर पूछती जातीं और तन्नी हँसती हुई बताती जाती। अंजली को लग रहा है कि वे अपनी लड़की की शादी कर रही हैं। 'लड़का कितना पढ़ा हैं?' 'इण्टर तक माँ जी।' 'ठीक है, कोई हर्ज नहीं। दोनों इण्टर तक पढ़े हैं। लड़का चार पैसा कमा रहा है।' 'हाँ, माँ जी बहुत सरल लगे वे लोग । लड़का भी अच्छा है ।''लड़के-लड़की और परिवार का समायोजन बढ़िया होना चाहिए। रुपया पैसा कमबेश हो सकता है। यदि परिवार में स्नेह.......एका है तो बड़ी बात है।' 'हाँ, माँ जी।' तन्नी मालिश करती रही। 'अच्छा घर, वर मुश्किल