मासूम बचपन … वैसे तो कई मर्तबा बहुत सारे बच्चों को गली मोहल्लों में खेलते देखा और कभी कुछ भी महसूस नही हुआ। बल्कि यू कहलो की उनकी हरकतों को देख कर कई बार गुस्सा भी आया। लेकिन आज दफ्तर से लोटते समय मेरी नजर पड़ी एक पिता पर जो अपने बच्चे को पेड़ के नीचे पड़ी रेत पर खेलने दे रहा था और बहुत जोरों से हस रहा था। मुझे घर जाने की कोई जल्दी नहीं थी, तो में उनसे थोडी दूर जाकर दूसरे पेड़ के नीचे खड़ा हो गया। और इस तरह खड़ा रहा मानो मुझे किसी का