दूसरों की सोच पे सोचकर रूकना मत ... सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना ...!!मैं खूद को बस इतना कहती रहती हूँ कि , चाहे कुछ भी हो , मुझे रूकना नहीं है .....!! और न कभी जिंदगी से हार माननी है ! मेरे सपने बहुत बड़े है , पर किसी को बताती नहीं हूँ । इतने बड़े है कि , अगर बताया तो लोग हंसेगे ही ... मैं सिर्फ अपना काम ही करती रहती हूँ और सकारात्मक ( positive) रहती हूँ ।भगवान ने हमें इस दूनियाँ में कोई खास मकसद के लिए ही भेजा है ! और वह मकसद क्या