भाग -15 भविष्य की चिंता में भीतर ही भीतर डूबती-उतराती मैं टीवी पर एक हॉलीवुड मूवी देख रही थी। वह भी फ़्यूचर को लेकर एक क्लासिक फ़िल्म थी। परमाणु युद्ध से तबाह हुई दुनिया के, फिर से उठ खड़े होने की कोशिश की कहानी थी। रात के बारह बज रहे थे, लियो सो रहा था कि अचानक ही दौरा पड़ गया। जो पहले के सभी दौरों से न सिर्फ़ बहुत तेज़ था, बल्कि ज़्यादा समय तक भी रहा। मैं उस पर किसी तरह से नियंत्रण नहीं कर पाई। विवश आँसू बहाती रही, उसे पकड़े रही कि वह बेड से नीचे