हीरे की परख

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एक कुम्हार को मिट्टी खोदते हुए अचानक एक हीरा मिल गया, उसने उसे अपने गधे के गले में बांध दिया... एक दिन एक बनिए की नजर गधे के गले में बंधे उस हीरे पर पड़ गई, उसने कुम्हार से उसका मूल्य पूछा...   कुम्हार ने कहा - सवा सेर गुड़   बनिए ने कुम्हार को सवा सेर गुड़ देकर वह हीरा खरीद लिया...   बनिए ने भी उस हीरे को एक चमकीला पत्थर समझा था, लेकिन अपनी तराजू की शोभा बढ़ाने के लिए उसकी डंडी से बांध दिया...   एक दिन एक जौहरी की नजर बनिए के उस तराजू पर