इस फिल्म की तुलना आश्रम सीरीज से करना उचित नहीं है और ये ओह माई गॉड जैसी भी नहीं। इस फिल्म में एक सच्चे केस का जेजमेंट है जो आश्रम सीरीज में अभी तक नहीं आया। इस तरह से यह फिल्म एक साकारात्मक संदेश दे रही है । फिल्म के मूल में बाबा , भक्ति और अंधश्रद्धा है पर फिल्म का संदेश धर्म नहीं न्याय है।