जीवन की परीक्षा

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जीवन की परीक्षा की कहानी   "जैसे स्कूल की परीक्षा होती है, ऐसे ही जीवन में भी परीक्षा होती है।" "जैसे बारहवीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा है, वह तीन घंटे की होती है। उसी प्रकार से यह जीवन भी तीन घंटे की परीक्षा है। स्कूल की परीक्षा का एक घंटा, साठ मिनट का होता है; परंतु इस जीवन की परीक्षा का एक घंटा, कई वर्ष लंबा होता है।" मान लीजिए, "जीवन की परीक्षा का पहला घंटा बचपन है, दूसरा जवानी है, तीसरा बुढ़ापा है, फिर मृत्यु की घंटी बजेगी, और परीक्षा का समय पूरा हो जाएगा।" स्कूल की परीक्षा