गर्मियों के दिन। अन्ना अपने कमरे में दर्पण के सामने खड़ी अपने बालों को निहारती हुई। मन में थोड़ी उधेड़-बुन। उसने एक सफेद बाल को खींच लिया। आज रविवार है, छुट्टी का दिन। उसकी नौ साल की बच्ची तान्या बाहर एक पेड़ के नीचे बैठकर चित्र बना रही है। रंगों से खेलने में उसकी रुचि अधिक है। जब भी अवसर मिलता रंग लेकर चित्र बनाने बैठ जाती । चीड़, देवदार के वृक्ष बनाती ही कभी कभी घास के मैदान में उगी छोटी-छोटी झाड़ियों का भी चित्र बनाती। सफेद भालू, याक, कँगारू किसी का भी चित्र चटपट बना देती। जब तान्या