काव्या का पंखे से लटका हुआ देह मुझे सोचने पर मजबूर कर रहा था. ये किस्मत का कैसा खेल है? कौन कहां पर गलत है ? पुलिस को मिले सुसाइड नोट में स्पष्ट शब्दों में लिखा था. महीप उसके बच्चे का बाप नहीं है. वह उसे भाई मानती थी. उसे राखी बांधती थी. पर कहीं पर भी उसने बच्चे के असली पिता का जिक्र तक नहीं किया था. अपनी मृत्यु के लिए उसने किसी को भी दोष न देते हुए लिखा था, ‘मैं अपनी मर्जी से जान दे रही हूं. मेरी मौत के लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है, मैं