ज़िन्दगी मेरे घर आना

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बेटियाँ पराई नहीं, दिलों में रहती है ... एक बार एक गरीब पिता ने अपनी एकलौती पुत्री की सगाई करवाई ... लड़का बड़े अच्छे घर से था, इसलिए माता-पिता दोनों बहुत खुश थे । लड़के के साथ लड़के के पूरे परिवार का स्वभाव भी बड़ा अच्छा था । पिता को अपनी बेटी की शादी अच्छे घर में पक्का होने पर राहत भी महसूस हो रहा था । शादी से एक सप्ताह पहले लड़के वालों ने लड़की के पिता को अपने घर खाने पर बुलाया ... उस लड़की के पिता की तबीयत ठीक नहीं थी फिर भी वो नाराज होने के