महानतम गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन् - भाग 27

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[ भारत लौटने की तैयारी एवं भारत आगमन ]चार वर्ष के ट्रिनिटी-प्रवास में रामानुजन के बीस महत्त्वपूर्ण शोध-लेख प्रकाशित हो चुके थे। वह एफ. आर. एस. की उपाधि से विभूषित हो चुके थे तथा उन्हें ट्रिनिटी से कार्य के लिए धनराशि (फेलोशिप) प्राप्त होने लगी थी। इस प्रकार उनकी उपलब्धियाँ तो असाधारण थीं।दूसरी ओर रामानुजन पूरी तरह स्वस्थ नहीं थे। उनके स्वास्थ्य में कुछ सुधार अवश्य होने लगा था। उनके ज्वर का ऊपर-नीचे होना रुक सा गया था। वजन में भी 15 पाउंड की बढ़ोतरी हो गई थी। परंतु वास्तविकता इतनी अस्पष्ट थी कि यह कहना संभव नहीं था कि