[ भारत में उनके पीछे घर का वातावरण ]प्रारंभ में रामानुजन दो वर्ष की छात्रवृत्ति पर कैंब्रिज आए थे। यद्यपि उनकी छात्रवृत्ति का समय बढ़ गया था, पर दो वर्ष इंग्लैंड में रहने के पश्चात् भारत अपने परिजनों व मित्रों से मिलने के लिए जाना चाहते थे। विश्वयुद्ध छिड़ने के कारण वह नहीं जा पाए। इसका एक दूसरा कारण उनकी माँ थीं, जो अपने प्रतिभावान् पुत्र को सफलता के शिखर पर देखना चाहती थीं। रामानुजन को बी. ए. की उपाधि मिलने के पश्चात् वह चाहती थीं कि वह वहाँ से एम. ए. भी कर लें। अतः उनकी माता ने उन्हें