[ पश्चिमी वातावरण में रामानुजन का जीवन ]साधारणतः आज भी एक ऐसे देश में, जहाँ की संस्कृति व सभ्यता अपने देश से बिलकुल भिन्न हो, एक व्यक्ति को अपने परिवार से दूर जाकर रहने पर बड़ी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। तब की तो बात ही और थी। रामानुजन को भी यह सब झेलना पड़ा और इन व्यक्तिगत परेशानियों का भी प्रभाव उनके जीवन पर पड़ा।पिछले अध्यायों में हम रामानुजन को मिले कैंब्रिज के बौद्धिक वातावरण तथा विश्वयुद्ध से उत्पन्न परिस्थितियों का उल्लेख कर आए हैं। यह बौद्धिक वातावरण वास्तव में कैसा था, रामानुजन के कृतित्व के कितना