अरमानों का आकाश

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मानवेन्द्र के पिता सोमेंद्र और माँ रितिका अपने समय के मशहूर चिकित्सक थे डेहरी गांव के नजदीक कस्बे कखारदुल में पाइवेट नर्सिंग होम चलाते थे दोनों की प्रैक्टिस अच्छी खासी थी और दूर दूर से मरीज अपने इलाज के लिये आते थे। सोमेंद्र और रितिका की दो संताने थी मानवेन्द्र और मनीषा दोनों को पढ़ने के लिये क्लास सिक्स के बाद ही भोपाल के प्रतिष्ठित कैथोलिक चर्च के स्कूल में एडमिशन करा दिया था सोमेंद्र और रितिका की चाहत थी कि उनके बेटे बेटी डॉक्टर बनकर उनके कार्य को और आगे बढ़ाए उनकी संतानो ने भी इसके लिये कोई कोर