लहरों की बाांसुरी - 3

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3 मैं भी बेड की टेक लगा कर लैपटॉप के सामने हो गया हूं। हम दोनों बेहद नज़दीक हैं। इतने कि एक दूसरे की सांसों की आवाज़ तक सुनायी दे। उनके खुले बालों से तो महक आ ही रही है, उनके बदन से उठती खुशबू की अनदेखी नहीं कर सकता। किसी तरह खुद पर कंट्रोल करके हर तस्‍वीर के बारे में उन्‍हें बता रहा हूं। एक अच्‍छी बात ये हो गयी है कि उन्‍होंने लगभग सारी तस्‍वीरें पहले से देख रखी हैं। पिकासा में हर फोल्‍डर पर नाम लिखा है और फोटो लेने या सेव करने का महीना और वर्ष