महारानी चिमणाबाई की पुस्तक और नारीवाद

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नीलम कुलश्रेष्ठ स्त्री चेतना जागृत करने के आधुनिक इतिहास का आरंभ लगभग दयानंद सरस्वती से मान सकते हैं लेकिन स्त्री में चेतना जागी हो ऐसा हम सवा सौ वर्ष से भी अधिक पूर्व का समय मान सकते हैं। वड़ोदरा के महाराजा सयाजीराव तृतीय ने अपनी पत्नी महाराणी चिमणाबाई को प्रोत्साहित किया कि वे अपना घूँघट हटा दें। इस तरह से वे भारत की प्रथम महारानी का दर्ज़ा हासिल कर सकीं जिसने पर्दा प्रथा समाप्त की। जब आँखों से पर्दा हटा तो उन आँखों ने देश-विदेश की यात्राओं में दुनियाँ अपनी नज़र से देखी। जब दुनियाँ देखी तो मन विचलित होने