गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 169

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जीवन सूत्र 517 जीत के लिए झोंकने होंगे सारे संसाधनगीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है:-तस्मात्त्वमुत्तिष्ठ यशो लभस्वजित्वा शत्रून् भुङ्क्ष्व राज्यं समृद्धम्।मयैवैते निहताः पूर्वमेवनिमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्।(11/33)।इसका अर्थ है:-इसलिये तुम युद्धके लिये खड़े हो जाओ और यशको प्राप्त करो।हे अर्जुन, तुम शत्रुओंको जीतकर धन-धान्य से सम्पन्न राज्य को भोगो। ये सभी( विपक्षी योद्धा गण) मेरे द्वारा पहले से ही मारे हुए हैं। हे सव्यसाची,तुम निमित्तमात्र बन जाओ। इसके पूर्व श्लोक में अर्जुन को समझाते हुए भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि मैं लोगों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ महाकाल हूँ।प्रतिपक्ष की सेना में जितने योद्धाओं को तुम देख रहे