गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 143

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जीवन सूत्र 411 ईश्वर के पथ में मोह और आसक्ति छोड़ना है जरूरीभगवान श्री कृष्ण और जिज्ञासु अर्जुन की चर्चा जारी है। प्रत्येक कार्य मनुष्य के द्वारा संपन्न होते हैं और अपने- अपने विवेक से सभी लोग कार्य करते हैं।फिर परिणामों में अंतर कहां है? कुछ लोग अपनी इच्छा के अनुसार फल प्राप्त कर लेने के बाद भी संतुष्ट नहीं रहते हैं। वास्तव में उनकी इच्छा सांसारिक पदार्थों को प्राप्त करने को लेकर होती है, जो लगातार एक वस्तु को प्राप्त कर लेने के बाद बढ़ती ही रहती है।जीवन सूत्र 412 स्वयं पर नियंत्रण प्राप्त करना महत्वपूर्णऐसे में भगवान श्री