गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 141

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जीवन सूत्र 401 सार्वजनिक जीवन के व्यक्ति का निर्णय सबके हित को देखते हुए होना चाहिएभगवान श्री कृष्ण और जिज्ञासु अर्जुन की चर्चा जारी है।व्यक्ति जब सार्वजनिक जीवन में होता है तो उसका कोई निर्णय स्वयं को ध्यान में रखकर नहीं होता बल्कि पूरी समष्टि के हित को देखकर होता है।तत्व ज्ञान प्राप्त करने के बाद साधक मुझे और कुछ पाना शेष नहीं है,ऐसा जान लेने के बाद भी अपना कर्म नहीं छोड़ता।जीवन सूत्र 402 मुक्ति ईश्वर के हाथों,तो प्रयास अपने हाथोंवह लोक कल्याण के दायित्वों से स्वयं को जोड़ता है। मनुष्य की मुक्ति का मार्ग ईश्वर कृपा पर निर्भर