जीवन सूत्र 181 पूर्वजों के अच्छे कार्यों का करें स्मरणगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है: -एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म पूर्वैरपि मुमुक्षुभिः।कुरु कर्मैव तस्मात्त्वं पूर्वैः पूर्वतरं कृतम्।।4/15।।इसका अर्थ है,पूर्वकाल के मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक लोगों ने भी इस प्रकार समझकर कर्म किए हैं,अतः तू भी पूर्वजों के द्वारा हमेशा से किए जानेवाले कर्मों को उन्हीं का अनुसरण करते हुए कर।जीवन स्तोत्र 182 स्वयं के विशिष्ट कार्य करने का अहंकार छोड़ दें पूर्व के श्लोकों में भगवान श्री कृष्ण ने मनुष्यों के लिए जिस अकर्तापन,आसक्ति के त्याग और कर्मों के फल में नहीं बंधने की बात कही है,इस सिद्धांत का