गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 81

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जीवन सूत्र 114 115 116 भाग 80भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है: -इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्।विवस्वान् मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्।।4/1।।इसका अर्थ है,हे अर्जुन!मैंने इस अविनाशी योग को विवस्वान् (सूर्य)से कहा था।इसके बाद सूर्य ने अपने पुत्र वैवस्वत मनु से कहा और मनु ने अपने पुत्र राजा इक्ष्वाकु से कहा।जीवन सूत्र 114 सूर्य की शक्ति को स्वयं में करें महसूस भगवान कृष्ण कहते हैं कि उन्होंने सबसे पहले इस योग को सूर्य देव से कहा था।यह हम सब जानते हैं कि सूर्य देव सृष्टि के प्रारंभ से ही विद्यमान है बल्कि यह कहना चाहिए कि सूर्य देव के साथ ही