जीवन सूत्र 112 113 भाग 79जीवन सूत्र 112: मन को वश में रखना आवश्यकगीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है -एवं बुद्धेः परं बुद्ध्वा संस्तभ्यात्मानमात्मना।जहि शत्रुं महाबाहो कामरूपं दुरासदम्।।3/43।।इसका अर्थ है,हे महाबाहु !इस प्रकार बुद्धि से परे सूक्ष्म,शुद्ध,शक्तिशाली और श्रेष्ठ आत्मा के स्वरूप को जानकर और आत्म नियंत्रित बुद्धि के द्वारा मन को वश में करके,तुम इस कठिनाई से जीते जा सकने वाले कामरूप शत्रु को मार डालो। गीता के तीसरे अध्याय के समापन श्लोक में भगवान श्री कृष्ण ने काम को नियंत्रित रखने और उसे परास्त करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए हैं।पुराण ग्रंथों और साहित्य में काम