मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 11

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भाग. 11"आप सच कह रहे हैं अब्बू जान?" फिज़ा को अपने कानों पर यकीन नही हुआ। उसके आँखों से खुशी के आँसू बहने लगे। उसने खुशी की इंतहा से भरभरा कर कहा- "लाइये हमारी बात करवाईये अमान से।" अमान ने उसे एतवार दिलाया और कहा- " नैट खोल कर खुद देख लो।" उसने फौरन लैपटाप खोल कर चैक किया। ये सच था। उसने अपना रोल नम्बर डाल कर सर्च किया। सामने स्क्रीन पर उसकी मार्कशीट खुल गई थी। जिसमें वह पास थी। शबीना तो खुशी के मारे कुछ बोल ही नही पाई। उसने फिज़ा को अपने आगोश में ले लिया।