शीर्षक = बेरंग दुनियादीवार पर टंगी एक तस्वीर को नम आँखों से काफी देर देखने के बाद, आखिर कार उस तस्वीर को उतार कर अपने सीने से लगाते हुए, राहुल वही पास पड़ी कुर्सी पर बैठ जाता हैउस तस्वीर को अपने सामने रखता है कि तब ही उसकी आँखों से आंसू टप टप कर उस तस्वीर पर गिर जाते है, जिन्हे साफ करते हुए राहुल कहता है " माँ, काश की तुम आज यहां मेरे पास, अपने बेटे के पास होती, तो मेरी आँखे नम तो जरूर होती लेकिन उन्हें साफ करने के लिए तुम मेरे पास होती और वो