" थैंक यू प्रोफेसर.....मुझे लगा अब तक तो भूल गए होंगे आप ,हालांकि आप से यह दूसरी मुलाकात महज एक संयोग है।"प्रोफेसर का शुक्रिया अदा करते हुये ध्रुव ने कहा।"नही सुपर एजेंट ध्रुव ,कैसे भूल सकता हूँ तुमको.....लन्दन में हुए उस टेरेरिस्ट अटैक के दौरान एक तुम ही तो थे जिसने बिना जान पहचान के ही मुझे उस बिल्डिंग से सुरक्षित बाहर निकाला था, मेरी फैमिली कों बचाने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी.....और ब्रिटेन पुलिस के एक्शन लेने से पहले ही उन आतंकवादियों को ढेर भी कर दिया था"वह सारा वाकया प्रोफेसर की आंखों के सामने