अमन कुमार त्यागी कुल मिलाकर लगभग बीस हज़ार एकत्र कर लिए गए थे। विवाह के निमंत्रण के लिए महंगे वाले लाल सुर्ख रंग के कार्ड सस्ते दामों पर मंगा कर रख लिए गए थे। कुछ साड़ियाँ और कपड़े भी निकालकर एक अलग बैग में रख दिए थे। विवाह का उत्साह तो था परंतु उतना भी नहीं था, जैसा कि ऐसे अवसरों पर होना चाहिए। सिर्फ़ औपचारिकता पूरी करने वाली बात थी। विवाह की तैयारी इसलिए नहीं की जा रही थी कि नमन की कोई बहुत बड़ी जिम्मेदारी हो, बल्कि इसलिए की जा रही थी कि कोई रिश्तेदार या समाज