नौकरी का पहला दिन

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दिपांकर गांगुली होनहार पिता अतुल देव माँ देविका जी का लाड़ला दुलारा एकलौती संतान था ।पढ़ाई पूरी होने के बाद नैकरी की तलाश एव प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुटा था लगातार नौकरी के आवेदन करता और प्रतियोगिता के परीक्षाओं को देता मगर भाग्य था कि साथ ही नही देता चार पांच वर्ष की लागातार मेहनत के बाद अंतिम अवसर में दीपांकर गांगुली को भारतीय वन सेवा में मंडलीय वन अधिकारी पद हेतु चयन किया गया।।दीपांकर गांगुली की सफलता से पिता अतुल माँ देविका की खुशियों का ठिकाना नही रहा घर मे उत्सव का वातावरण था गांव में भी खुशी