खाली हाथ - भाग 6

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वृद्धाश्रम में नताशा और सूरज वहाँ रहने वाले वृद्धों से बात कर रहे थे। उन्हीं में से एक वृद्ध दीनानाथ जी ने कहा, "सूरज जी यहाँ हम सब बड़े ही प्यार से मिल-जुल कर रहते हैं। सुबह से शाम कैसे हो जाती है पता ही नहीं चलता।" सभी की बातें सुनकर उन्हें सुकून मिल रहा था लेकिन घर की याद आना स्वाभाविक ही था। जब वह अपने कमरे में गए तो देखा उनका कमरा साफ़ सुथरा व्यवस्थित था जहाँ नित्य की ज़रूरत की हर चीज मौजूद थी। उन्हें यह देखकर अच्छा लगा। उधर अर्पिता जब नहा कर बाहर निकली तो