नोटबुक के पन्ने .....

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नोटबुक के पन्ने .....हर एक नोटबुक के पन्नों पर कुछ ना कुछ खास लिखा है। हमने भी तो तुझे उन खास अल्फाजों से कुछ ना कुछ कहा है ।ऐसे मैंने तुझे हर नोटबुक के पन्नों पर लिखा है। ऐसे मैंने तुझे हर गजल कविता में जीया है। तुम दुनिया में चाहे जहां भी रहो। लेकिन मेरी नोटबुक में मैंने तुम्हें पास लिखा है। हर एक नोटबुक के पन्नों पर मैंने तुम्हें खास लिखा है। " खो दिया है खुद को ......"खो दिया है कहीं खुद को, तराश रहे हैं कहीं खुद को,मिल जाएंगे