निजाम हैदराबाद में हिन्दुओं और विशेषकर आर्यसमाजीयो पर दिन-रात अत्याचार किये जाने लगे। हिन्दुओं के यज्ञोपवीत तोड़े जाते थे, हिन्दुओं को मन्दिर और हवन कुण्ड तक बनाने की आज्ञा नहीं थी, कोई हिन्दुओं का जलसा बिनास्वीकृति के नहीं हो सकता था । यदि कोई हिन्दू नेता बाहर से आता तो उसकी बहुत-बहुत जांच पड़ताल की जाने लगी । मुसलमान गुण्डे सरासर हिन्दुओं को दिन दहाड़े लूटते, डाका मारते और उनका खून तक भी कर डालते तो उनको कोई दण्ड नहीं दिया जाता था । हिन्दुओं में इसकी प्रतिक्रिया होने लगी और यह हैदराबाद का ही नहीं, अपितु अखिल भारतवर्षीय प्रश्न