_राजस्थान की सांस्कृतिक दृष्टि से भारत के समृध्द प्रदेशो में गिना जाता है संस्कृति एक विशाल सागर है ढह इसके अंतर्गत गांव-गांव, ढाणी- ढाणी, चौपाल, चबूतरे महल – प्रसादों एवं घर – घर जन-जन में समाई हुई है राजस्थान की संस्कृति का स्वरूप राजवाड़ा और सामंती व्यवस्था में देखा जा सकता है तथा संस्कृति में साहित्य और संगीत की अतिरिक्त कला- कोशल, शिल्प, महल, मंदिर, किले, झोपड़ियां को भी अध्ययन किया जाता है जो हमारी संस्कृति के दर्पण हैं संस्कृति के अंदर पोशाक, त्यौहार, रहन-सहन, खान-पान, तहजीब- तमीज सभी संस्कृतिक के अंतर्गत आते हैं_सांस्कृतिक दृष्टि से राजस्थान को 7 प्रमुख