दल दल और कमल

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राज ताम्रकर की खुशियो का कोई ठिकाना नही रहा और रानी तृषा के लिए तो जैसे सारा संसार ही मिल गया हो सबसे पहले नवजात का नामाकरण सांस्कार का उत्सव मनाया गया ।आचार्य कात्यायन नामाकरण सांस्कार से जीवन जन्म जीवन के दूसरे सांस्कार पुंशवन के बाद नामाकरण के लिए पधारे होनहार राजकुल का स्वस्थ खूबसूरत उत्तराधिकारी नूर नजर के नामकरण सांस्कार का भव्य आयोजन इस बात की गवाही देने के लिए पर्याप्त था कि आवनी अम्बर प्रकृति ने धारा पर किसी आश्चर्य को जन्म दे दिया है। मनोरम बातावरण मधुमास स्वच्छ सुगन्ध पवन किसानों के यहां धन धान्य के आगमन