किन्ने

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डॉ. सूर्यपाल सिंह की कहानी ‘किन्ने’ समाज की विसंगतियों पर एक तीखी टिप्पणी है। सबसे कमजोर व्यक्ति भी अपना धर्म बदल कर कुछ पाने की इच्छा नहीं रखता है। ईमान ही उसका धर्म है। कैसे उसे बदल लें?