लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-135 वॉचमैन निशांत ने उसे जो बताया उसे सुनकर केतकी को झटका लगा। वह बेचैन हो गयी। उसने कहा, ‘मैडम, आप बड़ी भाग्यवान हैं। बालों के बिना भी लोगों के बीच उठ-बैठ सकती हैं। बाहर निकल पाती हैं। आप नसीबवान हैं, हिम्मती भी...हमारे छोटे से गांव में एक सत्रह-अठारह साल की लड़की को ऐसी ही बीमारी हो गयी और उसके बाल झड़ने लगे, तब वह जब भी घर से बाहर निकलती, लोग उसे पत्थर मारने लगते ...अपने पास नहीं आने देते...अपने घर के पास से भी गुजरने नहीं देते.. कहते हैं वह टोटका करती है.. परिवार के