कलकत्ते की अलीपुर जेल मेंगुप्त-समिति में सक्रिय भाग लेने तथा क्रान्तिकारियों के मुकदमों की पैरवी में सहयोग देनेसे भाईजी का नाम भी पुलिस की डायरी में आ गया। इनकी गतिविधि का निरीक्षण होने लगा। ये बिना किसी भय के अपने कार्यक्रमों में भाग लेते रहे। बन्दी होने के एक मास पूर्व इनको सूचना मिल गयी कि सरकार कोई-न-कोई उपयुक्त अवसर पाकर इन्हें बन्दी बनाने की चेष्टा में है। इसे जानकर भी ये, न तो कहीं भागकर छिपे, न अपने कार्यक्रमों से विरत हुए। अचानक एक दिन सदल-बल पुलिस इनकीक्लाइव स्ट्रीट स्थित दूकान पर पहुँच गयी एवं श्रावण कृष्ण 5 सं०