“मन न भये दस बीस”आरुषि ने ट्रैक सूट पहना कटे बालों को पोनी बना कर हेयर बैंड के हवाले किया। स्पोर्टस शूज के तस्मे कसे। एक झलक खुद को शीशे में देखा और फ्लैट से बाहर हो ली। सामने वाले फ्लैट में रहने वाले विभोर जी हमेशा की तरह उसे कॉरिडोर में मिल गए। उफ, वह मन ही मन झुंझलाई। उसे सुबह सवेरे किसी को भी दुआ सलाम करने से बहुत परहेज था। इसी डर से रोज टाइम 10-5 मिनट इधर-उधर कर देती थी लेकिन विभोर जी अक्सर ही उसे कॉरिडोर में लिफ्ट की वेट करते हुए ही मिलते हैं।