सरला तू तो बड़ी बातों को मन में रखती है। बता रोज हमारे पास बैठती है लेकिन एक बार भी नहीं बताया कि इतवार को तुम कीर्तन करा रहे हो!! अपनी पड़ोसन के मुंह से कीर्तन की बात सुन सरला जी को कुछ समझ नहीं आया। आता भी कैसे वह तो खुद उसके मुंह से सुन रही थीं कि उसकी बहू इतवार को कीर्तन करा रही है लेकिन घर की इज्जत रखने के लिए वह हंसते हुए बोलीं, तू भी उड़ा ले मेरे बुढ़ापे का मजाक । तुझे नहीं पता कि आजकल छोटी छोटी बातें भी भूलने लगी हूं। याद