अमन कुमार त्यागी रात किसी को बुरी नहीं लगती क्योंकि सभी जानते हैं कि सुबह होनी ही है। सुबह का इंतज़ार रात्रि को मजे़दार बना देता है। लेकिन जिसे पता हो कि अब सुबह कभी नहीं होगी, उसके लिए रात का अँधेरा कितना भयावह हो जाता हैऋ सोच कर ही डर लगता है। किरन अपने दो बच्चों और पति के साथ रात को सोई थी, सुबह के इंतज़ार में। उस अनजान को नहीं पता था, जब काल के क्रूर हाथ बढ़ते हैं तो वो किसी की मजबूरी को नहीं समझते। अभी उन्हें सोए हुए अधिक समय नहीं हुआ था कि