अंधेरे में खिलता गुलाब

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“अंधेरे में खिलता गुलाब”उससे शिवांगी की मुलाकात बैंक में हुई थी अपने डेविट कार्ड में आ रही परेशानी को ठीक करवाने के दौरान। वह डेविट कार्ड से कोई भी ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पा रही थी। बैंक से ओटीपी के मेसेज नहीं आ रहे थे। परेशान सी वह बैंक पहुंची। पूछताछ कर पता चला कि इस तरह की परेशानी को 17 नं वाले सीनियर मैनेजर मि.रित्विक देखेंगे। अपनी परेशानी लेकर वहां पहुंची तो 17 न. सीट पर एक थोड़ा गदबदा, गोरा, सुंदर सा लड़का काला चश्मा लगाए कंप्यूटर पर काम कर रहा था। दो तीन लोग कांउटर के सामने खड़े