आज पूनम और प्रकाश का विवाह था। बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ, धूमधाम से यह विवाह हो रहा था। पूनम बहुत ख़ुश थी, क्योंकि एक ही शहर में ससुराल और मायका दोनों थे। विदाई के समय जब उसके पापा मोहन अपने आँसुओं से भरी आँखों को छुपा रहे थे; तब पूनम ने कहा, “पापा यहीं तो हूँ 15-20 मिनट की दूरी पर, जब मन करे या तो आप आ जाना या मुझे बुला लेना।” पूनम के पापा ने कहा, “नहीं बेटा शादी के बाद जब मन करे मिलना नहीं हो सकता। तुम्हारे सास-ससुर को पता नहीं कैसा लगेगा।”