नजर को नजर मिली नजर को नजर लग गई......श्री को लड़के वाले आय थे देखने भगमदौड लगी हुई थी उसके घर में.... मेहमानो के खातिरदारी में सब जुटे हुये थे एक से एक पकवान बनाय गये थे श्री के सासरे वालो के लिये ...श्री कि मम्मी के पैर से पूरे घर इधर से उधर नाचती फिर रही थी पापा भी इधर उधर काम बटाते हुये नजरे बार बार गेट से होकर फिर काम पर लग जाती......!!कहते एक लड़की को देखने वाले आते हैं तो उसके परिवार वाले कोई कसर नहीं छोडते उनके खातिर दारी मे ये रह तो नहीं वो