अग्निजा - 118

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लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-118 भावना सबकुछ जान लेने के लिए अधीर हो रही थी। केतकी उसे बताते हुए मानो खुद भी फ्लैशबैक में चली गयी। --- भावना को पिकनिक जाने की अनुमति दी उसी दिन वॉशबेसिन के पास मुंह धोते समय आईने में अपना मुंह धोते हुए केतकी के मन में एक विचार आया। उसके मन में अपने शरीर पर टैटू बनवाने की इच्छा बड़े दिनों से दबी हुई थी। लेकिन उसे किस हिस्से में बनवाया जाए? औरोंसे हटकर, अलग जगह पर। आईने में देखते समय उसका ध्यान अपनी चमकते हुए सिर पर गया और वह खुश हो गयी। अरे,