क्वीन- कामिनी कुसुम

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बात ज़्यादा पुरानी नहीं बस उस वक्त की है जब हिंदी फिल्मों की पटकथा लेखक के रूप में स्वर्गीय कादर खान की तूती बोला करती थी। लेखन के साथ साथ वे अभिनय के क्षेत्र में इस कदर व्यस्त थे कि चाह कर भी लेखन के लिए पर्याप्त समय या तवज्जो नहीं दे पा रहे थे। कहा जाता है कि ऐसे में इस दिक्कत से निजात पाने के लिए उन्होंने अपने अंडर कई अन्य लेखकों को काम दिया जो उन्हीं की शैली और स्टाइल में..उन्हीं के निर्देशानुसार कहानियों के परिस्थितिनुसार संवाद लिखते थे। जिनका बाद में कादर खान के नाम के