फिल्म के नाम में ही बहुत अच्छी कहानी है जिसपर सदियों से चर्चा हो रही है की आखिर रामसेतु सच में रामजी की वानर और रींछों की सेना ने बनाया था की जिसमें पानी में तैरने वाले पत्थर थे या फिर ये कोई प्राकृतिक निर्माण हुआ जिसे बनने में किसी मानव या पशु का कोई श्रम नहीं लगा था?आस्था रखने वाले लोग इसे श्री राम की देन मानते हैं और नास्तिक लोग रोज़ ये ढूंढने में लगे रहते हैं की ऐसा कुछ मानवनिर्मित नहीं। तो सच या आस्था इसका फैसला इस फिल्म देखने के बाद थोड़ा बहुत हो सकता है?अक्षय