नमो अरिहंता - भाग 20

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(20) अंजलि उर्फ मैनासुंदरी ** मदरइनलॉ यानी सासु-माँ की आज्ञा को सिर पर धर कर आज्ञाकारी दामाद श्री माणिकचंद्र काला सपत्नीक गोहद से गंगापुरसिटी और वहाँ से पिताश्री मदनलालजी काला की अनुमति लेकर वाया दिल्ली, मुरादाबाद होते हुए रामनगर पहुँच गया। जो कि उत्तरप्रदेश जिला बरेली में स्थित होकर अहिच्छत्र कहलाता है क्योंकि उपसर्ग की अवस्था में एक-सौ फण का छत्र होने के कारण धरणेंद्र ने इस स्थान का नाम अहिच्छत्र प्रकट किया था। अब अव्वल तो यह स्थान एक महाभारतकालीन किला है। यहाँ विस्तृत भू-भाग पर यत्र-तत्र तमाम प्राचीन खंडहर मिलते हैं। यहाँ कई शिलालेख व जैन मूर्तियाँ भी